World record, तुलसी के मंच पर 11 प्रदेशों के 200 कलाकारों का अद्भुत प्रदर्शन
अयोध्या।
अयोध्या श्रीरामनगरी में आयोजित लोक एवम जनजाति संस्कृति संस्थान द्वारा शौर्य पर्व में 11 प्रदेशों से आए, 250 लोक कलाकारों ने पारंपरिक लोक नृत्य जिसमें शस्त्र, योग या युद्ध कौशल का प्रदर्शन एक ही मंच पर कर विश्व कीर्तिमान बना दिया। इस विश्व कीर्तिमान का आंकलन करने और कीर्तिमानों के समस्त मानकों की पूर्णता की जांच करने के लिए, वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक आफ़ इंडिया की चीफ एडिटर सुषमा नार्वेकर अपनी टीम के साथ उपस्थित रहीं। विश्व कीर्तिमान के समस्त मानकों की पूर्णता से सन्तुष्ट होने पर लोक एवम जनजाति संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी को प्रमाण पत्र और पदक प्रदान किया गया।
इस अवसर पर अतुल द्विवेदी ने भावुक होते हुए कहा, भगवान राम ने धर्म की रक्षा हेतु समाज के हर वर्ग के लोगों से सहयोग लेकर उन्हें पहचान दिलाई ,उसी प्रेरणा का परिणाम है कि लोक कलाकार अपनी संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करके पीढ़ियों तक पहुंचाने में लगे है। यह सम्मान उन सभी का है। तीन दिवसीय 18,19 व 20 मार्च को आयोजित शौर्य पर्व में अपनी संस्कृति और पहचान को बचाए रखने के लिए शस्त्र विद्या को अंगीकार रखने की, लोक विधाओं का प्रदर्शन तुलसी उद्यान में आयोजित किया गया है। जिसमें केरल से लेकर मणिपुर, गुजरात से लेकर पश्चिम बंगाल, तेलंगाना से लेकर झारखंड तक के कलाकारों ने आकर अपनी समृद्ध विरासत को दिखाया। कलाकारों के प्रदर्शन देखकर खचाखच भरे पांडाल में लोग आनन्दति थे। किशोरियों और महिलाओं द्वारा प्रस्तुत गुजरात के तलवार रास और महाराष्ट्र के मर्दानी खेल पर पूरे पांडाल में तालियां गूंज रही थी।
पंजाब का गतका गुरु गोविंद सिंह जी की युद्ध शैली का स्मरण दिला रहा था, तो केरल का कलरिपट्टू अपने अद्भुत संतुलन और कौशल से जमीनी युद्ध शैली का प्रतिनिधित्व कर रहा था। ओडिसा के कलाकारों का पिरामिड बनाकर शंख वादन जहां सभी को रोमांचित कर रहा था, वहीं उत्तर प्रदेश का मल्लखंब शारीरिक दक्षता और कुशलता से सभी को विस्मित कर रहा था।
इस मौके पर प्रो.ओम प्रकाश भारती, डाॅ देवेन्द्र कुमार त्रिपाठी सचिव केंद्रीय ललित कला अकादमी, सुधीर श्रीवास्तव, रामायण कॉन्क्लेव के समन्वयक आशुतोष द्विवेदी समेत भारी संख्या में जन समूह उपस्थित थे।