दादाजी ने दी कई सलाह
बागेश्वर धाम सरकार ने ये बात अपने दादाजी को बताई कि मैं लोगों के बिना कहे ही उनका नाम जान जाता हूं, लेकिन बताने में संकोच होता है। उसके बाद दादाजी ने मुझे हनुमान चालीसा पढ़ने की सलाह दी।मैंने हनुमान चालीसा का पाठ शुरू किया। लंबी तपस्या की और हवन किये। मेरा सबसे ज्यादा लगाव मेरे दादाजी से था। ये सब होने के बाद मेरा मन घर में कम लगता था मैं बालाजी की सेवा में अपना जीवन व्यतीत करने लगा।