IMG 20250430 225847 658 - "हर घर जल योजना" में भारी , घटिया गुणवत्ता और लापरवाही से नाराज ग्रामीण।

“हर घर जल योजना” में भारी , घटिया गुणवत्ता और लापरवाही से नाराज ग्रामीण।

अयोध्या उत्तर प्रदेश

“हर घर जल योजना” में भारी , घटिया गुणवत्ता और लापरवाही से नाराज ग्रामीण।

IMG 20250430 225847 658 - "हर घर जल योजना" में भारी , घटिया गुणवत्ता और लापरवाही से नाराज ग्रामीण।

अयोध्या।

अयोध्या केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ‘जल जीवन मिशन’ या ‘हर घर जल योजना’ अपनी घोषित समय-सीमा के पांच वर्ष बाद भी लक्ष्य से कोसों दूर है। 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस योजना का शुभारंभ किया गया था, जिसका उद्देश्य था हर ग्रामीण घर तक कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) पहुंचाना। लेकिन 2024 तक पूर्ण होने वाली यह योजना अब तक अधूरी है और इसमें भारी अनियमितताओं की बात सामने आ रही है।

अयोध्या, सुल्तानपुर और अंबेडकरनगर जैसे जिलों में इस योजना की हालत बेहद खराब है। ग्रामीण इलाकों में घटिया सामग्री, बिना किसी तकनीकी नक्शे के बिछाई गई पाइपलाइन और अधूरी टंकियों से जनता त्रस्त है। अंबेडकरनगर और सुल्तानपुर जिले के कई हिस्सों की जिम्मेदारी संभाल रहे, बीटीआई अधिकारी विवेक सेठ के कार्यक्षेत्र में सबसे अधिक लापरवाही सामने आई है।

एमपी बिरला ग्रुप के जिम्मे कई जिलों का कार्य, लेकिन फील्ड में गुणवत्ता का अभाव साफ दिख रहा है। टंकी निर्माण, सोलर सिस्टम इंस्टॉलेशन से लेकर पाइपलाइन बिछाने तक हर स्तर पर घटिया काम किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं।

अयोध्या के पूरा बाजार , माया बाजार, रुदौली क्षेत्र और सुल्तानपुर के जयसिंहपुर में ग्रामीणों में इस योजना को लेकर भारी नाराजगी है। सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि जिन कंपनियों ने इस योजना का ठेका लिया है, वे योजना पूर्ण होने के बाद भी आगामी 10 वर्षों तक इसके रखरखाव की जिम्मेदार हैं। बावजूद इसके, जमीन पर लूट और लापरवाही का माहौल है।

जल शक्ति विभाग बना मूक दर्शक, तो वहीं प्रदेश सरकार भी अब तक इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। जानकारों की मानें तो यह योजना धीरे-धीरे एक बड़े घोटाले का रूप ले रही है, जिसे रोकने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार को एसआईटी जांच बैठाकर व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए। यदि समय रहते जिम्मेदार अधिकारियों और कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो ‘हर घर जल योजना’ न सिर्फ सरकार की छवि को धूमिल करेगी, बल्कि ग्रामीण भारत की उम्मीदों पर भी पानी फेर देगी।

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