गैर इरादतन हत्या के मामले में 10 साल की कैद, 54,500 रुपये जुर्माना
अयोध्या।
अयोध्या श्रीरामनगरी में वर्ष 2002 में हनुमानगढ़ी के पास मारपीट में बीच-बचाव करने आए एक व्यक्ति की गैर इरादतन हत्या के अभियुक्त को 10 साल की सजा से दंडित किया गया है। साथ ही 54,500 रुपये जुर्माना भी लगा है। यह फैसला विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर कोर्ट मोहिंदर कुमार ने शुक्रवार को सुनाया है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक घटना पांच मई, 2002 की देर शाम 8 बजे के आसपास की है। जिला अयोध्या के विभीषण कुंड निवासी सर्वेश कुमार तिवारी से बबलू यादव की पहले कहासुनी हुई थी। इसी रंजिश से हनुमानगढ़ी जाते समय सर्वेश को रास्ते में बबलू यादव, लाल बाबू और दिवाकर मिश्रा ने रोक लिया पीटने लगे। शोर सुनकर सीताराम गुप्ता, मनीष, गोपाल गुप्ता बीच-बचाव करने पहुंचे, तो उन्हें भी मारा-पीटा। सीताराम के सिर पर गंभीर चोटें आई। इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनकी मौत हो गई। सर्वेश की तहरीर पर थाना राम जन्मभूमि में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ।
न्यायाधीश ने दिवाकर मिश्रा को गैर इरादतन हत्या के अपराध में 07 साल के कठोर कारावास व 50,000 रुपये जुर्माना, मारपीट के मामले में दो साल कारावास और 3,000 रुपये जुर्माना, जान से मारने की धमकी के मामले में 01 साल कारावास और 1500 रुपये जुर्माना से दंडित किया है। सभी सजाएं साथ साथ चलेंगी।