रुदौली अयोध्या
✍ताहिर रिज़वी
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा स०के नवासे हज़रत इमाम हुसैन अस०को सन 61 हिजरी में इराक के कर्बला शहर में यज़ीद नाम के ज़ालिम फ़ासिक़ ने तीन दिन तक भूखा प्यास शहीद कर दिया। इमाम हुसैन अपने 72 साथियों जिनमे 6 महीने का बच्चा अली असग़र भी शामिल था के साथ यज़ीदी फौज के साथ लड़ते हुए हक व इंसाफ के लिए शहादत दे दी थी। उनकी याद में मोहर्रम के महीने में इमाम हुसैन की अज़ीम क़ुरबानी को याद करते हुए आलम ताजियों के साथ जुलुस निकले जाते है।
बुधवार की रात 4 मोहर्रम को मोहल्ला कोठी इमाम बारगाह मरहूम मोलवी जफ़र मेहदी से जुलूस बरामद हुआ जो अपने क़दीमी रास्ते से होता हुआ मोहल्ला ख़्वाजहाल महमूद सुहैल के घर पहुचा जहाँ रुदौली की अंजुमन के साहिबे बयाज शबीउल हसन मास्टर खुर्शेद शादाब काज़मी सय्यद कासिम ज़ियाउल हसन, नौहा पढ़ा (तीन शबो रोज़ का प्यासा हुसैन ) जिसको सुन कर जुलूस में मौजूद अजादार रो पड़े करबला में शहीद इमाम हुसैन को खिराज-ए-अकीदत पेश किया। जुलूस में क्या बच्चे क्या बूढ़े सब हज़रत इमाम हुसैन की याद में अश्क़ बहाते हुए जुलूस में चल रहे थे।
- फिर दिखी नगरपालिका परिषद् की लापरवाही
- जुलुस के पूरे रास्ते पर जगह जगह कूड़े के ढेर देख अजादारों में गुस्सा
रुदौली का कदीमी चौथी मोहर्रम का जुलूस जैसे ही इमामबारगाह बारगाह मरहूम मोलवी जफ़र मेहदी से निकल सड़क पर आया मोहल्ला कोठी से ख्वाजहाल तह पुरे रस्ते पर कूड़े के ढेर को देख कर जुलूस में मौजूद अजादारों गुस्से का माहौल है।जुलुस में मौजूद लोगो का कहना था कि पिछले साल भी इसी तरह जुलुसों के पूरे रास्ते में कूड़े के ढेर लगे थे जबकि इस बार मुहर्रम से पहले नपाप० में अधिशाषी अधिकारी ने ताज़ियादारो व जुलुस के आयोजकों के साथ बैठक कर ये भरोसा दिलाया था कि इस बार जुलुस में सफाई चुना व प्रकाश का उचित प्रबंध होगा लेकिन उसके उलट मुहर्रम में जुलुस के रास्तो पर सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है जिससे अजादारों में भारी रोष व्याप्त है।