सेवानिवृत्त लेखपाल पर धोखाधड़ी का केस

सेवानिवृत्त लेखपाल पर धोखाधड़ी का केस|

320666008 546269677388021 7532752228618790887 n - सेवानिवृत्त लेखपाल पर धोखाधड़ी का केस

अयोध्या|

सेवानिवृत्त लेखपाल के खिलाफ धोखाधड़ी सहित गंभीर धाराओं में कोर्ट के निर्देश पर केस दर्ज किया गया है। लेखपाल पर कागजों में हेराफेरी करके फर्जी नाम चढ़ा कर धन उगाही का आरोप है। यह केस रमापति पांडेय निवासी मीरापुर की तहरीर पर दर्ज किया गया है।
रमापति ने सीजेएम अदालत में अर्जी दी थी। इसमें बताया गया कि तत्कालीन लेखपाल विजय प्रकाश शुक्ला द्वारा बिना किसी न्यायालय के आदेश के खतौनी खाता संख्या 5 पर एक कूटरचित आदेश अंकित कर दिया गया। जबकि ऐसा कोई आदेश किसी न्यायालय व पीठासीन अधिकारी द्वारा नहीं पारित किया गया है।
रमापति ने जब जनसूचना अधिनियम से जानकारी मांगी तो पता चला कि उस समय विजय प्रकाश ही लेखपाल थे और उन्होंने ही उक्त कूटरचित आदेश का अंकन खतौनी पर किया है। बताया कि मामले में केस दर्ज कराने के लिए विगत 22 मार्च को कोतवाली अयोध्या में तहरीर दी गई थी लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर प्रार्थी ने अदालत की शरण ली। कोतवाली प्रभारी मनोज शर्मा ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद लेखपाल के विरुद्ध केस दर्ज कर जांच की जा रही है।
editor

Recent Posts

जिला अस्पताल में शुरू होगी डिजिटल पेमेंट की सुविधा।

जिला अस्पताल में शुरू होगी डिजिटल पेमेंट की सुविधा। अयोध्या। अयोध्या जिला अस्पताल अयोध्या में… Read More

3 days ago

पहलगाम हमले पर टिप्पणी को लेकर गायिका नेहा सिंह राठौर पर एफआईआर दर्ज, देशविरोधी पोस्ट करने का आरोप।

पहलगाम हमले पर टिप्पणी को लेकर गायिका नेहा सिंह राठौर पर एफआईआर दर्ज, देशविरोधी पोस्ट… Read More

3 days ago

पुत्र की हत्या का आरोपी पिता गिरफ्तार, पुलिस ने भेजा जेल।

पुत्र की हत्या का आरोपी पिता गिरफ्तार, पुलिस ने भेजा जेल। अंबेडकरनगर। अंबेडकरनगर जिले के… Read More

3 days ago

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में 1000 से अधिक प्रतिनिधियों ने किया फार्मा इवैल्यूएशन पर मंथन।

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में 1000 से अधिक प्रतिनिधियों ने किया फार्मा इवैल्यूएशन पर मंथन। अयोध्या। अयोध्या… Read More

3 days ago

Warning: Undefined variable $tags_ids in /home/onlinesa/public_html/wp-content/plugins/accelerated-mobile-pages/classes/class-ampforwp-infinite-scroll.php on line 216