सरसों का तेल, बाती एवं मोमबत्ती देकर दीपोत्सव में कर सकते है सभागिता।
अयोध्या।
अयोध्या दीपोत्सव में सरसों का तेल, बाती एवं मोमबत्ती देकर आमजन अपनी सहभागिता कर सकते है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अयोध्या के आमजन की दीपोत्सव में जनभागीदारी हो सके इसके लिए खाका खींचा गया। जिसमें तय किया गया कि आमजन से 100ml से 400ml तक सरसों तेल, बाती व मोमबत्ती के पैकेट विश्वविद्यालय को सहयोग के रूप में प्रदान कर सकते है।
अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.प्रतिभा गोयल ने बताया कि अयोध्या का दीपोत्सव अद्भुत, अविश्वसनीय व अकल्पनीय है। दीपोत्सव ने अयोध्या को एक वैश्विक पहचान दिलाई है। विश्वविद्यालय, सम्बद्ध महाविद्यालयों, स्वयंसेवी संस्थाओं के वालंटियर्स पुनः सातवें दीपोत्सव में छठी बार विश्व कीर्तिमान बनायेंगे। 11 नवम्बर को होने वाले दीपोत्सव में जनसामान्य से सरसों का तेल, बाती एवं मोमबत्ती के रूप में प्रतीकात्मक जनसहभागिता हो सकेगी। 31 अक्टूबर तक सांय 5 बजे तक पदमश्री अरूणिमा सिन्हा एमिनिटी भवन में यह जनभागीदारी की जा सकेगी। दीपोत्सव को ऐतिहासिक बनाने के लिए अयोध्या की राम की पैड़ी एवं चौधरी चरण सिंह के 51 घाटों पर 21 लाख दीपों को प्रज्ज्वलित करने के लिए 24 लाख से अधिक दीए 25 हजार से अधिक वालंटियर्स द्वारा सजाये और प्रज्ज्वलित किए जायेंगे।
अवध विश्वविद्यालय दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो. संत शरण मिश्र ने बताया कि दीपोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में है। राम कथा संग्रहालय, गंगा महल, नागेश्वनाथ, रूपकला महल में दीपों के रखरखाव के लिए स्टोर बनाया गया है। दीपोत्सव हेतु आपूर्तिकर्ता द्वारा पांच-पांच सौ के पैकेट के लगभग 7 लाख से अधिक दीए की आपूर्तिकर्ता द्वारा प्राप्त हो चुकी है। 31 अक्टूबर समस्त दीपक व सामग्री उपलब्धता सुनिश्चित हो जायेगी।
दीपोत्सव में दीपक के लिए स्थानीय कुम्हारों को प्राथमिकता दी गई है। आपूर्तिकर्ता द्वारा दीए क्रय किए जा रहे है। इससे स्थानीय कुम्हारों एवं उनके परिवारों को आर्थिक समृद्धि प्राप्त होगी।