अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट विवादित जमीन को रामलला विराजमान को सौंप देने का फैसला किया है। साथ ही कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन कही और देने का फैसला सुनाया है। इस पर बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि देश के बड़े मुद्दे का आज समाधान हो गया है।
बता दें कि यूपी सरकार ने फैसले के मद्देनजर अयोध्या समेत पूरे प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। वहीं उत्तर प्रदेश के सभी स्कूल-कॉलेजों सहित सभी शिक्षण संस्थान को 9 से सोमवार 11 नवंबर तक बंद रखने का आदेश दिया गया है।
40 दिन तक हुई अयोध्या मामले पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में 2017 में सुनवाई की प्रक्रिया शुरू हुई. उस समय चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा थे। दीपक मिश्रा के बाद रंजन गोगोई CJI हुए। 8 जनवरी, 2019 को रंजन गोगोई ने ये मामला पांच जजों की एक खंडपीठ के सुपुर्द किया। 8 मार्च, 2019 को अदालत ने सभी मुख्य पक्षों को आठ हफ़्ते का समय देते हुए कहा कि वो आपसी बातचीत से मध्यस्थता की कोशिश करें। 13 मार्च को मध्यस्थता की कार्रवाई शुरू हुई। मई में कोर्ट ने इसका समय बढ़ाकर 15 अगस्त तक कर दिया। मगर मध्यस्थता की कोशिशें कामयाब नहीं हुईं। 6 अगस्त से कोर्ट ने फाइनल दलीलें सुननी शुरू कीं। 16 अक्टूबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा। इस मामले पर 40 दिन तक सुनवाई चली थी। जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
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