रुदौली कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए नाकों चने चबाने के बावजूद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती। ऐसा ही एक मामला देखने को मिला कि दलित महिला के साथ हुई छेड़छाड़ व मारपीट करने वाले के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए चार दिनों से कोतवाली की चौखट नाप रही है लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हो रही।
जबकि डीजीपी का आदेश है महिला के साथ किसी भी तरह की प्रताड़ना में मदद करने के साथ साथ आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करें। लेकिन यह आदेश रुदौली कोतवाली में कोई मायने नहीं रखता। जिसका जीता जागता उदाहरण कोतवाली क्षेत्र के पस्तामाफी गांव में देखने को मिली। महिलाओं पर बढ़ते अपराध रुकने का नाम नही ले रहे हैं।
महिला द्वारा कोतवाली पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप है कि बीते दस मार्च की शाम लगभग सात बजे होली के दिन मेरे पति गांव में किसी से होली मिलने के लिए गए थे। ग्राम प्रधान ने घर पर अकेली महिला को देख आ धमके प्रधान की हरकत को देख इसका विरोध करने पर प्रधान ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए भद्दी-भद्दी गलियां देने लगे। शोर मचाने पर पहुंची पड़ोस की महिला को देख कहा कि कहीं शिकायत की तो जान से मरवा देने की धमकी देते भाग गए।
पीड़ित महिला ने दूसरे दिन मामले की तहरीर कोतवाली पुलिस को दी पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय जरूरत पड़ने पर बुलाने की बात कहकर वापस भेज दिया। चार दोनों से न्याय के लिए चक्कर काट रही महिला को न्याय न मिलने पर जिला पंचायत सदस्य व भाजपा नेता बब्लू खान से न्याय दिलाने की गुहार लगाई भाजपा नेता के हस्ताक्षेप पर पुलिस हरकत में आई दोनों पक्षो को कोतवाली बुलाया गया।
पुलिस के सामने पीड़ित महिला रोते हुए आप बीती बताई पर पुलिस सुलह करने का दबाव बना रही है । पीड़ित पक्ष ने सुलह करने से इनकार कर दिया।