images 2 3 - निलंबित वन रक्षक को बचाने की कोशिश, डीएफओ ने निलंबित किया।

निलंबित वन रक्षक को बचाने की कोशिश, डीएफओ ने निलंबित किया।

सुल्तानपुर - उत्तरप्रदेश

निलंबित वन रक्षक को बचाने की कोशिश, डीएफओ ने निलंबित किया।

images 2 3 - निलंबित वन रक्षक को बचाने की कोशिश, डीएफओ ने निलंबित किया।

सुल्तानपुर।
सुल्तानपुर लखनऊ-बलिया हाईवे के किनारे वन संरक्षित भूमि पर पेट्रोल पंप को वन विभाग ने अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। शुरुआती जांच में संबंधित पटल के वन रक्षक को जिम्मेदार पाते हुए, उसे डीएफओ ने निलंबित तो कर दिया है, किंतु विभागीय जांच की आड़ में उसके खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई है। मिली जानकारी के अनुसार सूत्रों का दावा है कि 31 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे आरोपी वन रक्षक को बचाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
लखनऊ-बलिया हाईवे पर कादीपुर के मुजहना महमूर पट्टी निवासी प्रसिंह सिंह (पुत्र) बैजनाथ सिंह ने भारत पेट्रोलियम का पेट्रोल पंप खोलने के लिए संबंधित भूमि पर जिलाधिकारी कार्यालय में अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया था। एडीएम वित्त ने इस मामले में 01 मई को ही वन विभाग से आख्या मांगी।

तत्कालीन प्रभारी वनाधिकारी डीके सिंह ने जांच कराई, तो जमीन वन संरक्षित पाई गई। इसलिए उन्होंने एनओसी जारी नहीं की। किंतु 30 जून को उनकी सेवानिवृत्ति के एक दिन पहले ही एनओसी जारी हो गई। बाद में वन विभाग के अधिकारियों ने एडीएम वित्त को बताया कि यह एनओसी फर्जी है। जिस पर गलत हस्ताक्षर हैं। ऐसे में एडीएम ने वैधानिक कार्रवाई के आदेश दिए। जिसके बाद एनओसी से संबंधी पटल देखने वाले वन रक्षक वीरेंद्र सिंह को डीएफओ ने निलंबित कर दिया। साथ ही विभागीय जांच वरिष्ठ वन क्षेत्राधिकारी को सौंप दी है।
डीएफओ अमित सिंह का कहना है कि पटल देखने के कारण वन रक्षक को निलंबित किया गया है, उसी ने फर्जी हस्ताक्षर किए हैं, यह अभी स्पष्ट नहीं है।। ऐसे में विभागीय जांच रिपोर्ट के बाद ही एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी। क्योंकि हाईकोर्ट के अनुसार विभागीय कार्रवाई और एफआईआर दोनों साथ नहीं हो सकते हैं।

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