जल, थल और नभ से राम मंदिर की सुरक्षा का ऐसा प्लान कि चिड़िया भी नहीं मार पाएगी पर।
अयोध्या।
अयोध्या में राम जन्मभूमि परिसर कि सुरक्षा में परिंदा भी पर नहीं मार सके और नभ, जल और स्थल से पूरी तरह सुरक्षित रहे। जिसको लेकर सुरक्षा संबंधित नया खाका तैयार किया गया है। जिसकी स्वीकृति के साथ पहली किस्त 38 करोड़ रुपया भेज दिया गया है। भगवान श्रीरामलला का भव्य मंदिर बन कर लगभग तैयार हो चुका है जनवरी 2024 में आराध्य अपने भव्य मंदिर में विराजमान होकर देश और दुनिया के राम भक्तों को सुखद दर्शन देंगे।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक जितनी भारत के संसद और राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा और इसके प्रति सभी सतर्क हैं। उतनी ही अयोध्या और राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा भी देश के लिए महत्वपूर्ण कार्य है। कहा कि यहां पर सिपाही की उपस्थिति कम हो टेक्नोलॉजी का उपयोग ज्यादा हो। जगह जगह सिपाही खड़ा है। इसमें कमी लाई जाए। देश मे सुरक्षा संबंधित टेक्नोलॉजी उपलब्ध है। इसके प्रस्तुतिकरण होते हैं।
अयोध्या मंडल के मंडल आयुक्त गौरव दयाल ने बताया कि सुरक्षा का एक मास्टर प्लान शासन को बनाकर भेजा गया था जिसका प्रथम चरण स्वीकृत होकर आ गया है UPRNN श्रीरामलला की सुरक्षा को अभेद किले के रूप में परिवर्तन करने के लिए कार्यदाई संस्था होगी मंडलायुक्त ने कहा कि बेहतर सुरक्षा प्लान सर्विलांस आधारित होगा।
जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राम जन्म भूमि के परिसर को कैसे सुरक्षित रखा जाए कैसे श्रीरामलला के भव्य मंदिर को ना हो हवा से कोई खतरा जल मार्ग से श्रीरामलला के परिसर को ना हो खतरा इस प्रकार की है सुरक्षा योजना श्रीरामलला के सुरक्षा को लेकर इक्विपमेंट तैयार है जिसे प्रिक्योर्ड करते हुए पुलिस के द्वारा फंक्शनल करते हुए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी तरह का कोई खतरा ना हो और जो सुरक्षा हो वह फूल प्रूफ हो।