Chhathi festival Hanuman birth anniversary and Chaitra Purnima were celebrated together - छठी उत्सव, हनुमान जन्मोत्सव व चैत्र पूर्णिमा एक साथ मनाया गया।

छठी उत्सव, हनुमान जन्मोत्सव व चैत्र पूर्णिमा एक साथ मनाया गया।

अयोध्या उत्तर प्रदेश

छठी उत्सव, हनुमान जन्मोत्सव व चैत्र पूर्णिमा एक साथ मनाया गया ।

Chhathi festival Hanuman birth anniversary and Chaitra Purnima were celebrated together - छठी उत्सव, हनुमान जन्मोत्सव व चैत्र पूर्णिमा एक साथ मनाया गया।

अयोध्या।

अयोध्या श्रीरामनगरी में शनिवार को अद्भुत संयोग में आस्था का जनसैलाब उमड़ा। श्रीरामलला का छठी उत्सव, हनुमान जन्मोत्सव और चैत्र पूर्णिमा का पावन पर्व एक साथ होने से अयोध्या भक्ति के रंग में सराबोर हो गई।

श्रीराम मंदिर में श्रीरामलला के छठी उत्सव का आयोजन बड़े ही भक्तिभाव के साथ किया गया। इस अवसर पर श्रीरामलला को कढ़ी-चावल सहित 56 भोग अर्पित किए गए। दोपहर 12ः30 बजे मध्यकालीन आरती हुई, जिसमें हजारों भक्तों ने हिस्सा लिया। वहीं कनक भवन, श्रीरामबल्लभाकुंज, दशरथ महल, श्रीरामलला सदन, लक्ष्मण किला और रंग महल जैसे प्रमुख मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान आयोजित हुए। इन अनुष्ठानों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, जो श्रीरामलला के प्रति अपनी अटूट श्रद्धा प्रगट कर रही थी।

दूसरी ओर, हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में अयोध्या हनुमानगढ़ी में सुबह से ही अनुष्ठान शुरू हो गए। घंटे-घड़ियालों व शंखनाद के बीच हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया गया। नाका, सिविल लाइन्स, सहादतगंज और अन्य हनुमान मंदिरों में भी रामायण पाठ, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का आयोजन हुआ। भक्तों को प्रसाद वितरण के साथ-साथ आध्यात्मिक माहौल में डूबने का अवसर मिला।

चैत्र पूर्णिमा के पावन अवसर पर भक्तों में विशेष उत्साह देखा गया। भोर में ही श्रद्धालु सरयू तट पर स्नान के लिए पहुंच गए। स्नान के बाद दान-पुण्य और पूजा-अर्चना कर उन्होंने मठ-मंदिरों का रुख किया। इस दौरान अयोध्या की गलियों में भक्ति का ऐसा माहौल था कि हर ओर राम और हनुमान के भजनों की गूंज सुनाई दे रही थी।

एसएसपी राजकरण नैयर ने बताया कि अयोध्या में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। राम मंदिर और हनुमानगढ़ी में सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए भक्तों को दर्शन कराए गए।

श्रीराम मंदिर में श्रीरामलला का छठी उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर श्रीरामलला को 56 भोग अर्पित किए गए, जिसमें कढ़ी-चावल विशेष रूप से शामिल था। मध्यकालीन आरती में भक्तों की भारी भीड़ ने भक्ति का अनुपम दृश्य प्रस्तुत किया। हनुमानगढ़ी सहित अयोध्या के सभी हनुमान मंदिरों में सुबह से ही भक्ति का माहौल था। रामायण पाठ, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड के आयोजनों ने भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। जिले में जगह-जगह भंडारे का आयोजन किया गया।

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