गोंडा में निजी अस्पताल सील,चिकित्सक के प्रैक्टिस पर 6 माह की रोक |
प्रसव ऑपरेशन के बाद हो गई थी महिला की मौत
गोण्डा में प्रसूता की मौत मामले में डीएम डॉ. उज्जवल कुमार ने निजी अस्पताल को सील कर दिया है। साथ ही 6 माह तक के लिए चिकित्सक के प्रैक्टिस पर रोक लगा दी है।मामला शहर के स्टार हॉस्पिटल एवं मेटरनिटी सेंटर का है।
यहां मोतीगंज के डड़वा दसौतिया गांव के वाचस्पति मिश्र ने आठ जनवरी 2021 को अपनी गर्भवती पत्नी को यहां भर्ती कराया था। वाचस्पति के अनुसार, अस्पताल संचालिका डॉ. विजयलक्ष्मी ने सामान्य प्रसव की बात बताई। इसके लिए फीस भी जमा कराई। कुछ घंटे बाद कहा कि ऑपरेशन करना पड़ेगा।
उन्होंने पैसा एडवांस जमा करने के लिए कहा। पैसा न जुटा पाने के कारण डॉक्टर ने नाराज होकर आनन-फानन में ऑपरेशन कर दिया। ऑपरेशन के बाद बेटी पैदा हुई। लेकिन पत्नी की हालत गंभीर हो गई। हालत ज्यादा नाजुक होने पर चिकित्सक द्वारा उसे एससीपीएम हॉस्पिटल भेज दिया गया। वहां के चिकित्सकों ने बताया ऑपरेशन गलत हो गया है। अब बच्चेदानी निकालनी पड़ेगी।
उन्होंने चिकित्सकों से पत्नी को रेफर करने को कहा। इस पर चिकित्सकों ने रेफर करने से मना कर दिया। 9 जनवरी को प्रसूता की मौत हो गई। उसने जिला स्तरीय अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। साथ ही भारतीय चिकित्सा परिषद में शिकायत की। कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ।
चिकित्सा परिषद ने मामले की जांच कराई। जांच के बाद अस्पताल की संचालिका डॉ. विजयलक्ष्मी के प्रैक्टिस पर रोक लगाते दिया गया है। साथ ही 6 माह के लिए लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। सीएमओ रश्मी वर्मा ने बताया अस्पताल सीज कर बन्द कर दिया गया है।