आत्महत्या नहीं,जेल में हुई थी बंदी विजय और मनोज की हत्या।
सुल्तानपुर।
सुल्तानपुर जिला जेल में दो विचाराधीन बंदियों ने आत्महत्या नहीं की थी बल्कि उनकी हत्या हुई थी। 21 जून को जब शव मिले थे तो जेल प्रशासन ने इसे आत्महत्या बताया था लेकिन उन्हें जहर देकर फंदे से लटका दिया गया था। अपनी न्यायिक जांच रिपोर्ट में तत्कालीन सीजेएम सपना त्रिपाठी ने इसका खुलासा किया है। साथ ही इसके लिए जेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। जेल अफसरों ने पहले हो चुकी इन मौतों को दो दिन छिपाए भी रखा था। था। अमेठी जिले के जामों थाने के चौधरी का पुरवा लोरिकपुर गांव निवासी पोल्ट्री फार्म संचालक ओम प्रकाश यादव (48) वर्ष की 26 मई 2023 की रात हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में जामों पुलिस ने विजय पासी व मनोज रैदास को 30 मई को गिरफ्तार किया था। इन्हें सुल्तानपुर में अमहट स्थित जिला जेल में बंद किया गया था। 21 जून को दोनों के शव पाए गए थे। तत्कालीन जेल अधीक्षक उमेश सिंह ने दावा किया था कि दोनों ने आत्महत्या की है और उनके शव पेड़ से लटके पाए गए।
पोस्टमार्टम के दौरान ही चिकित्सकों ने स्पष्ट कर दिया था कि मौतें करीब दो दिन पहले हुई हैं। घटना की जांच तत्कालीन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सपना त्रिपाठी को सौंपी गई थी। जेल स्टाफ, बंदियों और मृतकों के परिजनों आदि 20 साक्षियों से बयान लेने के बाद तत्कालीन सीजेएम ने दो दिसंबर को अपनी रिपोर्ट जिला न्यायाधीश को सौंप दी है।
इस मामले को चर्चा में लाने वाले आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने कहा कि न्यायिक जांच से साबित हो गया है कि जेल में हत्या हुई है। इसलिए जेल अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हो और उनको बर्खास्त भी किया जाए।
कारागार मुख्यालय को अभी मजिस्ट्रेट की जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने पर जरूरी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई दोषी मिला, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
एसएन साबत, डीजी कारागार