लखनऊ

आगामी महाकुंभ के लिए तैयार हो रहा खास ट्रैफिक प्लान।

महाकुंभ के लिए तैयार हो रहा खास ट्रैफिक प्लान, 7 राजमार्गों पर वन-वे रहेगा यातायात।

लखनऊ।
उत्तरप्रदेश के संगम नगरी प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 के दौरान, लाखों श्रद्धालुओं के देशभर से प्रयागराज पहुंचने की उम्मीद है और इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने 7 प्रमुख मार्ग चिह्नित किए हैं। इन मार्गों पर यातायात के सुगम प्रवाह के लिए विशेष योजनाएं बनाई जा रही हैं, ताकि श्रद्धालु बिना किसी अवरोध के कुंभ नगरी तक पहुंच सकें।
जिन 7 प्रमुख मार्गों को चिन्हित किया गया है उसमें जौनपुर मार्ग से 21%, वाराणसी मार्ग से 16%, मिर्जापुर मार्ग से 12%, रीवां मार्ग से 18%, कानपुर मार्ग से 14%, लखनऊ मार्ग से 10% और अयोध्या-प्रतापगढ़ मार्ग से 9% श्रद्धालुओं के आवागमन की संभावना है। इन सात मार्गों को केंद्र में रखकर सरकार ने यातायात के लिए अलग-अलग योजनाएं बनाई हैं। सामान्य दिनों और प्रमुख पर्वों के लिए यातायात की व्यवस्थाएं अलग होंगी। इन मार्गों पर एकल मार्ग (वन-वे) की व्यवस्था लागू की जाएगी, जिससे जाम की समस्या नहीं होगी और वाहनों का प्रवाह निर्बाध रहेगा।

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए पार्किंग के लिए विशेष ध्यान दिया गया है। सरकार ने 101 पार्किंग स्थलों का निर्माण सुनिश्चित किया है, जिनमें 5 लाख वाहनों के खड़ा होने की क्षमता होगी। इसमें 30 पार्किंग स्थल भारी वाहनों के लिए और 71 पार्किंग स्थल हल्के वाहनों के लिए चिह्नित किए गए हैं। इसके साथ ही, 20 पार्किंग स्थलों को सैटेलाइट टाउन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां श्रद्धालुओं को सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। इस कदम से वाहनों की भीड़ को नियंत्रित करने और यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखा जा सकेगा। इसके अलावा, 67 जनपदीय पार्किंग स्थल और 34 मेला पार्किंग स्थल भी बनाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को पार्किंग के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

महाकुंभ मेले का विशाल क्षेत्र और वहां पर लाखों श्रद्धालुओं का आवागमन एक बड़ी चुनौती होती है। इसे ध्यान में रखते हुए मेला क्षेत्र को 10 जोन में विभाजित किया जाएगा और इन सभी जोन को 30 पान्टून पुलों के माध्यम से जोड़ा जाएगा। यह व्यवस्था इस तरह बनाई जा रही है कि श्रद्धालुओं को एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र तक पहुंचने में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही, मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं को सुगम आवागमन के लिए शटल बसें और ई-रिक्शा सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। कुल 550 शटल बसें और 20,000 ई-रिक्शा मेले के विभिन्न हिस्सों में श्रद्धालुओं को ले जाने के लिए उपलब्ध होंगे, जिससे लोगों को पैदल चलने में कठिनाई न हो और उनकी यात्रा आसान हो सके।
महाकुंभ 2025 की एक और खास बात यह है कि इस बार सरकार ने डिजिटल तकनीक का व्यापक इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। पूरे मेला क्षेत्र में 100 डिजिटल साइनेज और 80 विजुअल मैनेज डिस्प्ले (VMD) लगाए जाएंगे। इन डिजिटल साइनेज और डिस्प्ले बोर्ड्स के माध्यम से श्रद्धालुओं को यातायात मार्ग, मेला क्षेत्र की जानकारी, पार्किंग की स्थिति और अन्य आवश्यक सूचनाएं आसानी से प्राप्त होंगी।

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