अयोध्या के प्रसिद्ध राजगोपाल मंदिर महंत फलाहारी बाबा का निधन, महंतों में शोक की लहर।

अयोध्या।
अयोध्या के प्रतिष्ठित महंत कौशल किशोर शरण फलहारी बाबा नहीं रहे। उन्होंने करीब 92 साल की उम्र मे लखनऊ के अस्पताल में आखिरी सांस लीं। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे।अयोध्या के राज गोपाल मंदिर के महंत कौशल किशोर शरण फलहारी बाबा के साकेतवास से संत समाज में सहित उनके लाखों शिष्यों में शोक की लहर दौड़ गई है। उनका कल सुबह सरयू घाट पर अंतिम संस्कार होगा।
फलाहारी बाबा का पार्थिव शरीर अयोध्या के राजगोपाल मंदिर लाने के बाद अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। 23 अप्रैल को सुबह उनके शिष्य शरद शरण उन्हें जल समाधि देंगे।
अयोध्या के पड़ोसी जनपद बलरामपुर के ब्राह्मण परिवार में जन्म लेने वाले फलाहारी बाबा ने मुहल्ला स्वर्गद्वार के हनुमत सदन मंदिर में दशको हनुमान जी की कठिन साधना की। उनके दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है । कालांतर में अयोध्या के महंतों ने उन्हें राजगोपाल मंदिर की सम्पत्ति की रक्षा के लिए इस प्रसिद्ध मंदिर का महंत बना दिया। फकीर स्वभाव वाले फलाहारी बाबा इसके लिए अपने लोगों को मना तो नहीं कर सके पर यह दायित्व उनकी आत्मा सहज स्वीकार न कर सकी।
राम मंदिर के विवाद में उन्हें केंद्र सरकार द्वारा अयोध्या के कई महंतों के साथ अयोध्या बुलाया गया। उनकी ब्रह्मज्ञान को सुनने वाले उन्हें चकित होकर देखते रह जाते। कड़ी साधना से उपजा उनका ज्ञान बड़े से बड़े विेद्वानों को भी चकित करने वाला रहा। उनकी इसी ज्ञान से प्रभावित होकर हनुमत निवास के आचार्य डाक्टर मिथिलेशनंदिनी शरण और तिवारी मंदिर के महंत गिरीशपति तिवारी जैसे तर्कशील युवा महंतों ने उन्हें अपने गुरू के रूप में स्वीकार कर खुद को धन्य माना।