रुदौली(अयोध्या)
अयोध्या जिले के परिषदीय विद्यालय में तैनात लापरवाह अध्यापक पढ़ाना लिखाना छोड़ गुंडई पर उतारू हो गए है।गुंडई का आलम ये है कि एक तौ वे स्कूल में आये बच्चों को पढ़ाना नही चाहते आये दिन विद्यालय से अनुपस्थित रहते है।ग्रामीणों की सूचना पर यदि कोई पत्रकार समाचार संकलन के लिए उस विद्यालय में जाता है तो आस पास के अध्यापक एकजुट होकर उस पर जानलेवा हमला कर लहूलुहान कर देते है।घायल पत्रकार जब कार्रवाई के लिए थाने पहुंचता है।तो अध्यापक के बचाव पक्ष में पूरा शिक्षक संगठन खड़ा हो जाता।ऐसा ही कुछ मामला गुरुवार को शिक्षा क्षेत्र रुदौली में देखने को मिला।
बता दे कि कोतवाली रूदौली अंतर्गत शिक्षा क्षेत्र रूदौली के प्राथमिक विद्यालय संड़री में अध्यापकों के आये दिन अनुपस्थित रहने की सूचना पर समाचार संकलन करने गये पत्रकार मो0 आलम को आस पास के दर्जन भर अध्यापकों ने उसे बंधक बनाकर जानलेवा हमला कर दिया।हमले में पत्रकार मो0 आलम जहां खून से लथपथ हो गया वही उसे बचाने दौड़े दूसरे पत्रकार शिवशंकर वर्मा को भी चोटें आईं।ग्रामीणों की सूचना पर तत्काल घटनास्थल पर पहुंची यूपी-100 के जवानों के लाख प्रयास के बावजूद अध्यापक पत्रकार को छोड़ने के लिए राजी न हुए।तभी शुजागंज चौकी प्रभारी सुधाकर यादव भी मौके पर पहुंच गए।और पत्रकार व अध्यापक संतोष को लेकर कोतवाली पहुंचे।घटना की सूचना मिलते ही दर्जनों पत्रकार कोतवाली पहुंचे।और घायल पत्रकार मो0 आलम में घटना की लिखित तहरीर कोतवाल रुदौली विश्वनाथ यादव को दी।पत्रकार द्वारा पुलिस को तहरीर देते ही शिक्षक नेता नीलमणि त्रिपाठी भी करीब तीन दर्जन अध्यापकों के साथ कोतवाली रुदौली पहुंच सुलह समझौते का दबाव बनाया।लेकिन घायल पत्रकार समझौते पर राजी नही हुआ तो उन्होंने भी अध्यापक की ओर से एक फर्जी तहरीर दिलाई।जिसमे पीड़ित पत्रकार मो0 आलम पर स्कूल के अभिलेख उठा ले जाने व अध्यापक को मारने पीटने के अलावा रुपये लूटने का आरोप लगा दिया।बता दे कि लापरवाह अध्यापकों की गुंडई का ये कोई पहला मामला नही है।इसके पहले भी अध्यापकों ने कई पत्रकारों के साथ ऐसी हरकत की है।और ऐसे अध्यापकों को बचाने के लिए शिक्षक नेता दर्जनों अध्यापकों को लेकर सामने आ जाते है।लेकिन सच तो ये है रुदौली क्षेत्र के परिषदीय स्कूलों में आज भी ऐसे दर्जनों अध्यापक है जो स्कूल नही आते यदि आते भी है तो हाजिरी लगाकर चलते बनते है।इनकी निगरानी करने वाले खंड शिक्षाधिकारी व बेसिक शिक्षाधिकारी भी इन पर मेहरबान रहते है।ऐसे सवाल ये उठता है कि कैसे पढ़ेगा ? कैसे बढ़ेगा इंडिया ? कैसे साकार होगा सीएम योगी व पीएम मोदी का सपना ? जब गुरुजन ही कलम दवात पढ़ाना लिखाना छोड़ लाठी डंडा व धारदार हथियार उठाकर हिंसा का रास्ता अपनाएंगे।